सुप्रीम कोट का बड़ा आदेश बीएड डिग्रीधारक नहीं बन सकते प्राथमिक शिक्षक: BED Degree Karne wale nhi ban sakte hai primary teacher
सुप्रीम कोट का बड़ा आदेश बीएड डिग्रीधारक नहीं बन सकते प्राथमिक शिक्षक–
नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको कुछ जानकारी बताने वाले हैं जो कि सुप्रीम कोर्ट से बहुत बड़ा आदेश खारिज करते हुए सामने आ रही है दोस्तों आज किस आर्टिकल के अंदर हम आपको उन पॉइंट के बारे में बताएंगे जो सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों के लिए काफी बड़ा फैसला ले लिया है अब शिक्षकों को काफी बहुत बड़े परेशानियों को सामना करना पड़ेगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश सामने निकल कर सामने आ रही है दोस्तों अब बेड करने वालों को यहां पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार यहां पर काफी बड़ा झटका लगने वाला है क्योंकि बीएड धारकों को अब यहां पर डिग्री नहीं मिलेगी प्राथमिक शिक्षा में अर्थात आप जो है ना प्राथमिक शिक्षक नहीं बन सकते हैं आप प्राथमिक शिक्षक के लिए अप्लाई नहीं कर सकते हैं यह सुप्रीम कोर्ट का बहुत बड़ा आदेश भी सामने निकल कर आ रही है
सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया है कि बीएड डिग्री प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की नियुक्ति की योग्यता नहीं है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें बीएड डिग्रीधारक उम्मीदवारों की प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक के रूप में की गयी नियुक्ति को रद्द कर दिया गया था|पिछले साल जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने अपने फैसले में कहा था
शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21ए और शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत भारत में प्राथमिक शिक्षा के मौलिक अधिकार में न केवल 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा शामिल है, बल्कि ऐसे बच्चों को दी जाने वाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी शामिल है. बीएड डिग्री धारक प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ाने के लिए आवश्यक बुनियादी शैक्षणिक सीमा को पार नहीं कर पाते हैं. लिहाजा वे प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं होंगे. पीठ ने मौखिक टिप्पणी की कि उसका आदेश पूरे देश में लागू होगा.
BED CLOSE | BY SUPREME COURT |
PRIMARY TEACHER | NOT APPLY FOR 1-5th |
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सुप्रीम कोर्ट का शिक्षकों के लिए सबसे पहला नियम 2023
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगस्त 2023 से पहले के जारी हुए प्राइमरी शिक्षक भर्ती विज्ञापनों में अगर बीएड योग्यता डली हुई थी तो उन लोगों की नौकरी बनी रहेगी। इन लोगों की नौकरी पर कोई संकट नहीं आएगा।सुप्रीम कोर्ट ने बीएड डिग्रीधारी प्राइमरी शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट कहा कि जो भर्तियां 11 अगस्त 2023 से पहले हुई थीं, उन पर 11 अगस्त 2023 के फैसले का असर नहीं पड़ेगा। लेकिन कोर्ट ने यह भी शर्त लगाई कि किसी अदालत से उनकी अयोग्यता के बारे में कोई आदेश नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश पूरे देश के लिए आया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 के अपने फैसले के तहत कहा कि केवल बीटीसी (डीएलएड) डिप्लोमा धारक ही प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने के पात्र होंगे। लेवल-1 (पहली से 5वीं कक्षा तक) में बीएड अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाएंगे। पीठ ने एनसीटीई (राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षक परिषद) के उस गजट नोटिफिकेशन को भी खारिज कर दिया था जिसमें बीएड डिग्रीधारकों को लेवल-1 शिक्षक भर्ती के लिए योग्य करार दिया गया था। एनसीटीई की इस अधिसूचना में कहा गया था कि अगर बीएड डिग्रीधारी लेवल-1 में पास होते हैं, तो उन्हें नियुक्ति के बाद छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट का एक नया फैसला शिक्षकों को करना होगा नया कोर्स
दोस्तों आपके जानकरी के लिए बता दें की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब बीएड डिग्रीधारी प्राइमरी टीचर नहीं बन सकते| इसकी जगह नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने ने चार साल का नया कोर्स लॉन्च किया है. NCTE ka full from ( National Council for Teacher Education) भारत सरकार का एक वैधानिक निकाय जो भारतीय शिक्षा प्रणाली के मानकों और प्रक्रियाओं की देखरेख करता है। एनसीटीई स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय (एमओई) के अधीन है।
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