Bihar Board 11th Class History 2nd Terminal Exam 2024 Answer Key
Bihar Board 11th History 2nd Terminal Exam 2024– नमस्कार दोस्तों कक्षा 11वीं के विद्यार्थियों का इस महीने नवंबर में द्वितीय सावधिक परीक्षा का आयोजन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा किया जा रहा है दोस्तों मैं आपको जानकारी के लिए बता दे कि इस पोस्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं किस प्रकार आप कक्षा 11वीं के इतिहास- History का ओरिजिनल प्रश्न पत्र और उत्तर कैसे डाउनलोड कर सकते हैं वह भी जानकारी बताएंगे और उसके साथ-साथ यह भी बताएंगे कि अगर आपको इसका ओरिजिनल प्रश्न पत्र का सब्जेक्टिव और ऑब्जेक्टिव का आंसर डाउनलोड करना है तो कैसे डाउनलोड कर सकते हैं दोस्तों जैसा कि आप सभी को पता है कि आपका इतिहास का परीक्षा प्रथम पाली में 29-11-2024 को होने जा रहा है और इस दिन आपके यहां पर प्रश्न पत्र डाउनलोड करना चाहते हैं तो इस स्टेप आप फॉलो करके प्रश्न पत्र डाउनलोड कर सकते हैं द्वितीय सावधिक परीक्षा का इतिहास– History का प्रश्नपत्र के साथ उत्तर देख सकते है
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कक्षा 11वीं इतिहास की द्वितीय सावधिक परीक्षा कब और किस समय लिया जायेगा?
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा जो कक्षा 11वीं का रूटीन जारी किया गया है उसके अनुसार आप 11वीं के विद्यार्थी है और आपका नवंबर महीने में प्रथम पाली सावधिक परीक्षा(2nd Terminal Exam 2024) का आयोजन हो रहा है 11वीं के छात्र है जो 29 नवंबर के दिन प्रथम पाली में इतिहास- History की परीक्षा होगी और इसका समय सुबह 10:00 Am से 11:30 Am तक रहेगा इस परीक्षा का प्रश्नपत्र का उत्तर प्राप्त करने के लिए आपको इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक होगा पढ़ेंगे तो आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आप सभी विद्यार्थियों को इतिहास के ओरिजिनल क्वेश्चन पेपर का बताएंगे कि अगर आप प्रश्न उत्तर को डाउनलोड करना चाहते है तो कहां से डाउनलोड कर सकते हैं
BSEB 11th History 2nd Terminal Exam 2024-Overview
Bseb Class-11th | 2nd Terminal Exam November 2024 |
Session | 2024-26 |
Subject/Code | History -321 |
Exam Date | 29-11-2024 |
Time | 10:00 Am to 11:30 Am |
Exam Sitting | 1st Sitting |
बिहार बोर्ड द्वितीय सावधिक परीक्षा नवंबर 2024 का रिजल्ट कब जारी होगा?
दोस्तों यह द्वितीय सावधिक परीक्षा सिर्फ कक्षा 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों का होगा अब 10वीं और 12वीं की Monthly परीक्षा नहीं होगी क्यों की 10वीं और 12वीं का सेंट अप परीक्षा हो जाने के बाद उसका कोई भी परीक्षा का आयोजन नहीं होगा और आपके जानकारी के लिए बता दें की कक्षा 9वीं और 11वीं की द्वितीय सावधिक परीक्षा का रिजल्ट बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड के द्वारा नोटिफिकेशन में बताया गया है की इस परीक्षा का रिजल्ट दिनांक 02-12-2024 को जिला शिक्षक पदाधिकारी के प्रस्तुत करना होगा
कक्षा 11वीं द्वितीय सावधिक नवंबर परीक्षा 2024 प्रश्नपत्र कहां से आता है
दोस्तों कक्षा 11वीं का द्वितीय सावधिक 2024 का क्वेश्चन पेपर और उत्तर पुस्तिका बिहार बोर्ड के शिक्षा विभाग के द्वारा सेट करके भेजा गया है और इस बार जो परीक्षा हो रहा है यह मासिक परीक्षा के आधार पर ही होगा इस परीक्षा का प्रश्न पत्र बिहार के शिक्षा विभाग पटना के द्वारा भेजा गया है और यह सभी जिलों के लिए एक ही प्रश्न पत्र रहेगा
How to download Class 11th 2nd Terminal Exam 2024 Routine?
कक्षा 11वीं के द्वितीय सावधिक परीक्षा का रूटीन अगर आपको डाउनलोड करना है तो आपको नीचे दिए गए निर्देश को पढ़कर आप आसानी से अपने परीक्षा का रूटीन डाउनलोड कर सकते हैं
CLASS 11TH | MONTHLY EXAM NOVEMBER (2nd TERMINAL) |
SESSION | 2024-25 |
EXAM ROUTINE | CLICK HERE |
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Bihar Board Class 11th History 2nd Terminal Exam Objective Answer Key 2024–
इस आर्टिकल के माध्यम से कक्षा 11वीं द्वितीय सावधिक परीक्षा HISTORY विषय के प्रश्न पत्र का PDF डाउनलोड कर सकते है । इसके साथ-साथ OBJECTIVE और SUBJECTIVE प्रश्नों का उत्तर भी डाउनलोड कर सकते है ।
नोट:- नीच आपको ऑब्जेक्टिव का उत्तर देख सकते है
Q. No | Answer | Q. No | Answer |
1. | D | 16. | A |
2. | A | 17. | B |
3. | C | 18. | C |
4. | A | 19. | B |
5. | D | 20. | A |
6. | C | 21. | C |
7. | B | 22. | A |
8. | C | 23. | A |
9. | A | 24. | A |
10. | A | 25. | A |
11. | C | 26. | C |
12. | C | 27. | A |
13. | C | 28. | A |
14. | D | 29. | A |
15. | B | 30. | B |
बिहार बोर्ड कक्षा 11वीं द्वितीय सावधिक परीक्षा 2024 इतिहास (History) का Subjective Question Paper With Answer Key–
1. चार्ल्स डार्विन कौन थे ? उनकी पुस्तक का नाम क्या है ?
Ans- चार्ल्स डार्विन (Charles Darwin) एक प्रसिद्ध अंग्रेज़ी प्रकृतिवादी, वैज्ञानिक और जीवविज्ञानी थे। वे 1809 में इंग्लैंड में जन्मे थे और उन्हें जीवविज्ञान और विकासवादी सिद्धांत (Theory of Evolution) में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। डार्विन ने “प्राकृतिक चयन” (Natural Selection) के सिद्धांत को प्रस्तुत किया, जिसके अनुसार जीवों की प्रजातियाँ समय के साथ प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा परिवर्तित होती हैं और वातावरण के अनुकूल विकसित होती हैं। उनकी सबसे प्रसिद्ध पुस्तक “The Origin of Species” (1859) है, जिसमें उन्होंने विकास और प्राकृतिक चयन के सिद्धांत का विस्तृत विवरण दिया। इस पुस्तक ने विज्ञान और धर्म के दृष्टिकोण से जीवों की उत्पत्ति को लेकर एक बड़ा विवाद उत्पन्न किया और जैविक विकास के अध्ययन की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई।
3. रोम के व्यापार की दो विशेषताएँ लिखें|
Ans- रोम के व्यापार की दो प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं: विविधता और विस्तार: रोम का व्यापार बहुत विविध था, जिसमें विभिन्न प्रकार की वस्तुएं जैसे अनाज, शराब, तेल, वस्त्र, लोहे, सीसा, और अन्य निर्माण सामग्री शामिल थीं। रोम ने समूचे भूमध्य सागर क्षेत्र में व्यापार किया, और यूरोप, एशिया और अफ्रीका के विभिन्न हिस्सों से माल आयात-निर्यात किया। रोम की सड़कें और बंदरगाहों का जाल व्यापार के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। वाणिज्यिक नेटवर्क और मार्ग: रोम ने व्यापार के लिए व्यापक वाणिज्यिक नेटवर्क और स्थिर व्यापार मार्गों का निर्माण किया था, जैसे कि समुद्री मार्ग और स्थल मार्ग। यह नेटवर्क रोम की साम्राज्यवादी शक्ति के तहत स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करता था, जिससे व्यापार में वृद्धि हुई और विभिन्न क्षेत्रों से व्यापारिक माल समय पर रोम तक पहुँचते थे।
4. मंगोलों के लिए व्यापार क्यों महत्वपूर्ण था ?
Ans- स्टेपी क्षेत्रों में संसाधनों की कमी के कारण मंगोलों और मध्य-एशियाई यायावरों को व्यापार और वस्तु-विनिमय के लिए उनके पड़ोसी चीनवासियों के पास जाना पड़ता था। यह व्यवस्था दोनों पक्षों के लिए लाभकारी थी।
5. यास क्या था ? इसके दो महत्वों को लिखें ।
Ans- यास, चंगेज खान का कानूनी कोड था. इसका इस्तेमाल मंगोलों ने अपने लोगों के रीति-रिवाजों, परंपराओं, और अधिकारों को तय करने के लिए किया था. यास के दो प्रमुख महत्व ये रहे:यास का मकसद था कि लोग चंगेज खान की आज्ञा का पालन करें.यास ने मंगोल सांस्कृतिक और जीवनशैली मानदंडों को भी तय किया था.
7. सामंतवाद की दो विशेषताएँ लिखें ।
Ans- सामंतवाद में राजा समस्त भूमि का स्वामी माना जाता था. सामंतगण राजा के प्रति स्वामिभक्ति बरतते थे और बदले में राजा से भूमि पाते थे. सामंतों के पास जागीरें होती थीं, जिन्हें वे कृषकों में बांट देते थे. सामंतों की अधीनता में कृषक वर्ग काम करता था.
11. मेसोपोटामिया में लेखन कला के बिकास पर प्रकाश डालें ।
Ans- मेसोपोटामिया में लेखन कला का विकास प्राचीन सभ्यता के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक था और यह मानव इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है। लेखन की प्रणाली ने प्रशासन, व्यापार, धार्मिक कार्य, और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति को सुविधाजनक बनाया। मेसोपोटामिया में लेखन कला के विकास के प्रमुख बिंदु: कूण्ठन (Cuneiform) लिपि का विकास: मेसोपोटामिया की सबसे प्रारंभिक और प्रमुख लेखन प्रणाली कूण्ठन लिपि थी। इसका आविष्कार लगभग 3500 ईसा पूर्व हुआ था। कूण्ठन लिपि में गहरे निशान बनाए जाते थे, जो मिट्टी की गोलियों या पट्टियों पर उकेरे जाते थे। इस लिपि का विकास पहले चित्रात्मक लेखन से हुआ था, जिसमें चित्रों के माध्यम से विचार व्यक्त किए जाते थे। समय के साथ, यह चित्रात्मक लिपि विकसित होकर एक अब्जेक्टिव, और अमूर्त रूप में बदल गई, जिससे वे ध्वनियों और शब्दों को व्यक्त करने में सक्षम हो गए।लेखन का प्रशासनिक और व्यापारिक उपयोग: शुरू में, लेखन का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों को व्यवस्थित करना और व्यापार को नियंत्रित करना था। व्यापारियों और अधिकारियों द्वारा व्यापारिक लेन-देन, वस्तु सूची, कर वसूली और अन्य प्रशासनिक कार्यों के रिकॉर्ड बनाए जाते थे। मिट्टी की पट्टियाँ और सिलेंडर के रूप में बने लेख, इन व्यापारिक गतिविधियों और बहीखातों को दर्ज करने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे। धार्मिक और सांस्कृतिक लेखन: समय के साथ, कूण्ठन लिपि का उपयोग धार्मिक ग्रंथों, काव्य रचनाओं, मिथकों, और ऐतिहासिक घटनाओं के लेखन के लिए भी किया गया। एक प्रसिद्ध उदाहरण “एपिक ऑफ गिलगमेश” है, जो मेसोपोटामिया के सबसे प्रसिद्ध महाकाव्य और धार्मिक ग्रंथों में से एक माना जाता है। इस ग्रंथ में राजा गिलगमेश की साहसिक यात्रा और जीवन की गहरी को दर्शाया गया है। लेखन की सामग्री और तकनीक: कूण्ठन लिपि को सामान्यतः मिट्टी की पट्टियों या सिलेंडरों पर उकेरा जाता था, क्योंकि मेसोपोटामिया में मिट्टी की प्रचुरता थी। लेखकों ने एक घुमावदार सिरे वाली लकड़ी के स्टाइलस का इस्तेमाल किया, जिससे मिट्टी में निशान बनाए जाते थे। कुछ पत्रावलियाँ भी ताड़ की पत्तियों और अन्य सामग्रियों पर लिखी जाती थीं।
13. कुबलई खान की उपलब्धियों का मूल्यांकन करें ।
Ans- कुबलाई खान की उपलब्धियों का मूल्यांकन इस प्रकार किया जा सकता है: कुबलाई खान मंगोल साम्राज्य का पांचवां ख़ागान था और उसने 1260 से 1294 तक शासन किया. उन्होंने 1279 में चीन पर विजय प्राप्त की और पूरे देश पर शासन करने वाले पहले गैर-चीनी बने. उन्होंने युआन राजवंश की स्थापना की और चीन में मंगोल शासन की शुरुआत की. उन्होंने ज़ानाडू (शांगडू) में अपनी राजधानी स्थापित की और इसके बाद दाईदु (बीजिंग) को राजधानी बनाया. कुबलाई खान ने कागज़ी मुद्रा को विनिमय का एकमात्र माध्यम बनाया. उन्होंने बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण किया. उनके शासनकाल में धार्मिक सहिष्णुता (दाओवाद को छोड़कर) थी. उन्होंने वैज्ञानिक प्रगति की. उन्होंने सैन्य और सांस्कृतिक लड़ाई लड़ी और चीन, कोरियाई प्रायद्वीप, जापान, और दक्षिण पूर्व एशिया को एकजुट करने में सफलता हासिल की. उन्होंने एक महान व्यापारिक साम्राज्य का निर्माण किया.
नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके कक्षा 11वीं 2nd Terminal Exam 2024 का सब्जेक्टिव (Subjective) का क्वेश्चन पेपर और उत्तर डाउनलोड कर सकते हैं
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