बच्चों का ऑनर हाजिरी के लिए स्कूल में टैबलेट: नमस्ते दोस्तों, नई शुरुआत!
बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी के लिए टैबलेट:-नमस्ते दोस्तों! बिहार सरकार ने कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी दर्ज करने के लिए एक super exciting कदम उठाया है। अब सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को टैबलेट दिए जाएंगे, जिससे शिक्षा और उपस्थिति प्रणाली डिजिटल होगी। यह ब्लॉग पोस्ट आपको टैबलेट वितरण, प्रशिक्षण, और प्रक्रिया की पूरी जानकारी देगा। तो चलिए, इस बदलाव को समझें!
बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी के लिए टैबलेट: एक नजर में
विवरण | जानकारी |
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विभाग | बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (BEP) |
लाभार्थी | कक्षा 1 से 12वीं तक के स्कूल |
टैबलेट संख्या | प्राथमिक/मध्य: 2, माध्यमिक/उच्च: 2-3 |
उद्देश्य | ऑनलाइन हाजिरी और डिजिटल शिक्षा |
प्रशिक्षण | प्रधानाध्यापक और एक शिक्षक प्रति स्कूल |
आधिकारिक वेबसाइट | biharboardonline.bihar.gov.in |
बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी के लिए टैबलेट: सम्पूर्ण जानकारी
टैबलेट वितरण की योजना
बिहार सरकार ने राज्य के 81,000 सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चों की हाजिरी ऑनलाइन करने के लिए टैबलेट वितरित करने का फैसला लिया है। प्राथमिक और मध्य विद्यालयों को 2-2 टैबलेट, जबकि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को 2 से 3 टैबलेट दिए जाएंगे। यह कदम डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने और उपस्थिति प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए है।
वितरण और रिकॉर्ड प्रक्रिया
- जिला स्तर: टैबलेट की आपूर्ति जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) और डीपीओ (SSA) को दी जाएगी।
- प्रखंड स्तर: बीआरसी (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर) कार्यालयों के माध्यम से प्रखंडवार वितरण होगा।
- स्कूल स्तर: प्रत्येक स्कूल को टैबलेट हस्तगत होगा, और इसका रिकॉर्ड IMEI नंबर के साथ संरक्षित रहेगा।
एजेंसी के प्रतिनिधि प्रखंड स्तर पर प्रधानाध्यापकों को टैबलेट सौंपेंगे और उन्हें फंक्शनल करेंगे। इसके बाद बीईओ (ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर) यूजर एक्सेप्टेंस रिपोर्ट देंगे।
प्रशिक्षण व्यवस्था
हर स्कूल के प्रधानाध्यापक और एक शिक्षक को टैबलेट के संचालन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। बिहार शिक्षा परिषद ने DEO और DPO को पत्र भेजकर इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। प्रशिक्षण में ऑनलाइन हाजिरी दर्ज करने और डिजिटल रिकॉर्ड रखने की ट्रेनिंग शामिल होगी।
उद्देश्य और लाभ
- बच्चों की उपस्थिति को ऑनलाइन और सटीक बनाना।
- दोहरा नामांकन रोकने में मदद (2024-25 में 3 लाख दोहरे नामांकन पकड़े गए)।
- डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देना।
20 लाख बच्चों के बिना आधार की समस्या को हल करने के लिए स्कूलों में आधार केंद्र भी खोले जाएंगे, जहां जुलाई 2025 से ऑपरेटर तैनात होंगे।
FAQs – बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी के लिए टैबलेट
प्रश्न 1: कितने स्कूलों को टैबलेट मिलेंगे?
उत्तर: 81,000 सरकारी स्कूलों को।
प्रश्न 2: कब तक वितरण होगा?
उत्तर: जून-जुलाई 2025 (प्रारंभिक चरण)।
प्रश्न 3: कौन प्रशिक्षित होगा?
उत्तर: हर स्कूल का प्रधानाध्यापक और एक शिक्षक।
सारांश
दोस्तों, बिहार सरकार का यह कदम कक्षा 1 से 12वीं तक की शिक्षा को डिजिटल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। टैबलेट के जरिए बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी और आधार निर्माण से पारदर्शिता बढ़ेगी। अपने स्कूल से अपडेट लेते रहें और इस बदलाव का लाभ उठाएं। इस ब्लॉग को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें, ताकि वे भी जागरूक रहें। All the best for a digital future!